भारत का ऑटोमोबाइल बाजार हमेशा से प्रतिस्पर्धा से भरा रहा है। दशकों से हुंडई, मारुति सुज़ुकी के बाद देश की दूसरी सबसे बड़ी कार निर्माता के तौर पर जानी जाती थी। लेकिन साल 2025 ने कहानी बदल दी है। अब महिंद्रा एंड महिंद्रा (M\&M) ने हुंडई को पीछे छोड़ते हुए भारत की नंबर-2 ऑटोमोबाइल कंपनी बनने का ताज अपने नाम कर लिया है।
महिंद्रा की जीत और हुंडई की हार

जनवरी से जुलाई 2025 तक के आंकड़े बताते हैं कि महिंद्रा ने 3,51,065 यूनिट्स बेचे हैं, जबकि हुंडई की बिक्री 3,29,782 यूनिट्स पर थम गई। यानी महिंद्रा ने करीब 21,000 कारें ज्यादा बेचकर इतिहास रच दिया।
पिछले साल तक तस्वीर बिल्कुल उलट थी — उस वक्त हुंडई ने महिंद्रा से लगभग 67,000 ज्यादा कारें बेची थीं। लेकिन इस साल हालात ऐसे बदले कि हुंडई की 25 साल पुरानी बादशाहत टूट गई।
क्यों चमका महिंद्रा का सितारा?
महिंद्रा की सफलता के पीछे कई बड़े कारण हैं। कंपनी ने इस साल 20% से ज्यादा की ग्रोथ दर्ज की, जबकि हुंडई की बिक्री 8% घट गई।
ऑटोमोबाइल एक्सपर्ट्स का कहना है कि हुंडई अब भी अपनी Creta SUV पर ज्यादा निर्भर है। हालांकि क्रेटा की सेल्स 20% बढ़ी हैं, लेकिन बाकी मॉडल्स की डिमांड 10% घट गई। वहीं, महिंद्रा लगातार अपनी SUVs और EVs के साथ मार्केट में नए ऑप्शन पेश कर रही है।
मार्केट का बदलता समीकरण
हुंडई के लिए हालात मुश्किल इसलिए भी हैं क्योंकि 2025 में कंपनी के पास फिलहाल ऐसा कोई प्रॉडक्ट नहीं है जो क्रेटा जितनी पॉपुलैरिटी हासिल कर सके। आने वाले महीनों में नई Venue लॉन्च होने वाली है, लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस साल हुंडई के लिए महिंद्रा को पछाड़ना लगभग नामुमकिन होगा।
दूसरी ओर, महिंद्रा के पास ICE और EV सेगमेंट दोनों में कई नए लॉन्च प्लान हैं, जिससे उसकी ग्रोथ और मजबूत होने की उम्मीद है।
मासिक बिक्री में भी महिंद्रा आगे
अगर 2025 के मासिक आंकड़ों पर नजर डालें तो महिंद्रा ने फरवरी, अप्रैल, मई, जून और जुलाई में लगातार हुंडई को पछाड़ा है।
हालांकि मारुति सुज़ुकी अभी भी भारतीय बाजार की बादशाह बनी हुई है, लेकिन महिंद्रा का दूसरा नंबर पाना देशी ब्रांड के लिए एक गर्व का पल है। वहीं, टाटा मोटर्स चौथे पायदान पर मौजूद है।
नतीजा – देशी ब्रांड की जीत 🇮🇳
महिंद्रा का यह कारनामा सिर्फ आंकड़ों की जीत नहीं है, बल्कि भारतीय ब्रांड्स के बढ़ते दमखम की कहानी भी है। 25 सालों तक हुंडई ने दूसरे नंबर पर अपनी पकड़ बनाए रखी, लेकिन अब हालात बदल चुके हैं।
साफ है कि आने वाले समय में भारतीय ऑटोमोबाइल बाजार और भी रोमांचक होगा। सवाल ये है कि क्या महिंद्रा अपनी इस बढ़त को कायम रख पाएगी या हुंडई किसी बड़े धमाके के साथ वापसी करेगी?
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