अगर आप सोच रहे हैं कि शाओमी (Xiaomi) सिर्फ स्मार्टफोन और गैजेट बनाने वाली कंपनी है, तो अब वक़्त आ गया है अपना नजरिया बदलने का। चीन की यह दिग्गज टेक कंपनी अब ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में भी बड़ा धमाका करने जा रही है। शाओमी ने ऐलान किया है कि वह अपनी इलेक्ट्रिक कारें साल 2027 तक यूरोप के बाज़ार में उतारेगी।
स्मार्टफोन से सुपरकार तक का सफर
शाओमी ने साल 2023 में अपनी पहली इलेक्ट्रिक कार SU7 सेडान लॉन्च की थी। इसके बाद 2025 में कंपनी ने YU7 SUV पेश की, जिसने रिकॉर्ड तोड़ते हुए लॉन्च के 18 घंटे के भीतर 2.4 लाख बुकिंग हासिल कर ली। यह वही शाओमी है जिसे हम अब तक किफायती और बेहतरीन स्मार्टफोन्स के लिए जानते थे, लेकिन अब यह कंपनी सीधे Tesla और Porsche जैसी लग्ज़री कार कंपनियों को टक्कर देने की तैयारी में है।
यूरोप क्यों चुना शाओमी ने
कंपनी के प्रेसिडेंट विलियम लू (William Lu) ने हाल ही में कहा कि शाओमी फिलहाल रिसर्च और तैयारी के फेज़ में है। उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि यूरोप EVs के लिए एक बेहतरीन बाज़ार है क्योंकि यहां के खरीदार टेक्नोलॉजी और परफॉर्मेंस वाली कारों को बेहद पसंद करते हैं। साथ ही, यूरोप में चीन की तुलना में टैरिफ भी अपेक्षाकृत कम हैं, जिससे यहां प्रवेश करना कंपनी के लिए सही कदम साबित हो सकता है।
शाओमी की EV कारों की खासियतें

शाओमी की कारें सिर्फ किफायती ही नहीं बल्कि हाई-परफॉर्मेंस भी हैं।
- SU7 सेडान को Porsche Taycan और Tesla Model S जैसी प्रीमियम कारों से तुलना की जाती है। इसमें 664bhp तक की पावर और लगभग 500 मील (800 किमी) की रेंज मिलती है।
- वहीं, YU7 SUV एक बार चार्ज करने पर 519 मील (835 किमी) चल सकती है (चीन के CLTC साइकिल के अनुसार)।
- कंपनी ने अपने सुपर-फास्ट मॉडल SU7 Ultra से Nürburgring ट्रैक पर रिकॉर्ड भी तोड़े हैं, जिसे यूरोप में ‘हेलो मॉडल’ के तौर पर लॉन्च किया जा सकता है।
चीन में बेमिसाल सफलता, यूरोप में चुनौती
चीन में शाओमी की EV यूनिट ने जबरदस्त ग्रोथ दिखाई है। सिर्फ 2025 की दूसरी तिमाही में कंपनी ने 81,000 कारें डिलीवर कीं, और जुलाई 2025 में अकेले ही 30,000 से ज्यादा गाड़ियां ग्राहकों तक पहुंचाई।
हालांकि, इतनी डिमांड के चलते कंपनी को प्रोडक्शन बॉटलनेक का सामना करना पड़ रहा है। फिलहाल, SU7 की वेटिंग करीब 41 हफ्तों तक पहुंच चुकी है, जबकि YU7 SUV की डिलीवरी के लिए ग्राहकों को एक साल से ज्यादा इंतज़ार करना पड़ रहा है।
यूरोप में सबसे बड़ी रुकावट: ब्रांड पहचान
शाओमी स्मार्टफोन्स और गैजेट्स के मामले में यूरोप में पहले से ही 95% पहचान बना चुकी है, लेकिन ऑटो सेक्टर में इसकी पहचान अभी बहुत कम है। यही वजह है कि कंपनी का सबसे बड़ा फोकस आने वाले सालों में यूरोप में अपनी EV ब्रांड पहचान मजबूत करने पर होगा।
क्या Tesla को टक्कर मिलेगी?
मॉर्गन स्टैनली जैसी बड़ी फाइनेंशियल फर्म्स का मानना है कि Xiaomi जैसी चीनी कंपनियां अब Tesla से भी आगे निकल रही हैं। उनका कहना है कि Xiaomi YU7 जैसी SUV Ferrari या Aston Martin जैसी दिखती है, लेकिन इसकी कीमत Toyota Camry के बराबर है। यही शाओमी का सबसे बड़ा प्लस प्वाइंट है – हाई-टेक, हाई-परफॉर्मेंस और किफायती कीमत।
निष्कर्ष
शाओमी का लक्ष्य है कि वह आने वाले समय में दुनिया की टॉप-5 कार कंपनियों में अपनी जगह बनाए। यूरोप में लॉन्च होने वाली SU7 और YU7 कारें इस दिशा में पहला बड़ा कदम होंगी। अगर कंपनी ने प्रोडक्शन और डिलीवरी से जुड़ी चुनौतियों को संभाल लिया, तो आने वाले समय में शाओमी यूरोप के प्रीमियम EV मार्केट में एक गेम-चेंजर साबित हो सकती है।
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